अंतिम संस्कार : नीतू सिंह भदौरिया

अंतिम संस्कार : नीतू सिंह भदौरिया

    युवा कवयित्री। कई पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।   टुड़ीगंज स्टेशन के खत्म होते ही थोड़ी दूरी पर एक बड़ा-सा नाला और आस-पास कटीली घासों की झाड़ी है जो अक्सर रात के अंधेरे में देखने वालों को अलग-अलग दिखाई देती है। बच्चे प्राय: उसमें राक्षस की आंख, नाक,...
हिंदी कहानी का वर्तमान, प्रस्तुति: नीतू सिंह भदौरिया

हिंदी कहानी का वर्तमान, प्रस्तुति: नीतू सिंह भदौरिया

युवा कवयित्री और कहानीकार। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। किसी भी कालखंड की साहित्यिक विशिष्टता को चिह्नित करने के लिए हमें अतीत और वर्तमान दोनों को देखना पड़ता है। हिंदी कहानी के हर दौर में रचनाकारों ने अपने समय की नब्ज़ टटोलकर रचना की है। यदि बात कहानी...
सामा चकई : नीतू सिंह भदौरिया

सामा चकई : नीतू सिंह भदौरिया

    युवा कवयित्री। कई पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। (मिथिला का एक प्रसिद्ध उत्सव है ‘सामा चकेवा’।इस अंचल में धारणा है कि सामा कृष्ण की बेटी थी।वह हर दिन भ्रमण के लिए वृंदावन के जंगल में जाती थी।एक चुगलखोर (चूड़क) ने कृष्ण से उसके एक तपस्वी से प्रेम-संबध की...