प्रकाशित पुस्तकें : ‘जंगल में पागल हाथी और ढोल’, ‘पीठ पर रोशनी’ (काव्य संकलन), ‘ढुकनी एवं अन्य कहानियां’ (कहानी संग्रह)। संभावनाओं के संपूर्ण वितान में भी ऐसी किसी संभावना की कल्पना, कुमार मनीष ने आज तक नहीं की थी। उनके लिए अब दुनिया बिलकुल अपसाइड डाउन हो गई थी। एक...
युवा कवि। काव्य संकलन : जंगल में पागल हाथी और ढोल, पीठ पर रोशनी (काव्य संकलन), ढुकनी एवं अन्य कहानियाँ (कहानी संग्रह) बेटियां बेटियांअपने पिताओं कीकभी मित्र नहीं बनतींगोद से उतरकरवे बन जाती हैंअपने पिताओं की माँ … पिता भी सहज स्वीकारता हैउथले तल में समाए चंचल...
युवा कवि। काव्य संकलन : जंगल में पागल हाथी और ढोल, पीठ पर रोशनी (काव्य संकलन), ढुकनी एवं अन्य कहानियाँ (कहानी संग्रह) बेटियां बेटियांअपने पिताओं कीकभी मित्र नहीं बनतींगोद से उतरकरवे बन जाती हैंअपने पिताओं की माँ … पिता भी सहज स्वीकारता हैउथले तल में समाए चंचल...
युवा कवि; काव्य संग्रह ‘जंगल में पागल हाथी और ढोल’संप्रति सरकारी सेवा में। पहले जंगल खेतों के पास थे इतने पास कि जंगली जानवर कर देते थे कभी-कभी अतिक्रमित खेतों और जंगल की सीमा मेरे पिता ने देखे थे कई बार भालू और बाघ मेरी माँ समझती थी लकड़बग्घे की आवाज वे देखते ही समझ...
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