कविता के इस दिक्-काल में : निशांत

कविता के इस दिक्-काल में : निशांत

युवा कवि। काजी नजरुल यूनिवर्सिटी, आसनसोल में सहायक प्रोफेसर।     इस समय कविता की दुनिया में कई पीढ़ियां एक साथ सक्रिय हैं। एकदम युवा कवि से लेकर वरिष्ठ कवियों की महत्वपूर्ण उपस्थिति से यह काव्य समय चमचमा रहा है। हम यहां कुछ काव्य संग्रहों की चर्चा करने जा रहे हैं।...
समकालीन कविता के नए रंग : निशांत

समकालीन कविता के नए रंग : निशांत

युवा कवि। काजी नजरुल यूनिवर्सिटी, आसनसोल में सहायक प्रोफेसर। यहां कुछ ऐसे कवियों पर चर्चा है, जिन्हें पर्याप्त अनुभवी और कुशल कहा जा सकता है। राजेंद्र कुमार का नवीनतम संग्रह है ‘उदासी का ध्रुपद’। उमाशंकर चौधरी का संग्रह ‘कुछ भी वैसा नहीं’ और विनय कुमार का ‘पानी जैसा...
याद करोगे तो हर बात याद आएगी : निशांत

याद करोगे तो हर बात याद आएगी : निशांत

युवा कवि।काजी नजरुल यूनिवर्सिटी, आसनसोल में सहायक प्रोफेसर ज्ञानपीठ से पुरस्कृत हिंदी कवि केदारनाथ सिंह, जो मेरे गुरु रहे हैं, कुछ साल और जीते।उनके शरीर के सारे अंग सुचारु रूप से कार्य कर रहे थे।अपना काम अपने से कर लेते थे, चाहे नहाना हो या दाढ़ी बनाना।वे ट्रेन में या...