युवा लेखक।वर्तमान निवास – जयपुर में। संप्रति स्वतंत्र लेखन। ‘पता है, तुम आजाद भाला हो!’ मोहित ने दही-चीनी खिलाते हुए उससे कहा। ‘आजाद भाला!’ उसने रुमाल से मुंह साफ करते हुए पूछा।मोहित ने कहा, ‘प्राचीन यूनान में कुछ सैनिक सोते समय सिरहाने भाला रखकर सोते...
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