हर्डल्स : नूतन अग्रवाल ज्योति

हर्डल्स : नूतन अग्रवाल ज्योति

‘आज बाहर जाना है और आज ही महारानी को बीमार पड़ना था।’उर्मिला बड़बड़ाते हुए जल्दी-जल्दी बचे बर्तन साफ कर रही थी।आज उसका महिला सशक्तिकरण को लेकर एक जरूरी कार्यक्रम है। तभी ससुर जी ने आवाज लगाई,‘उर्मि बेटा, एक कप चाय और बना दो।सामने वाले शर्मा जी आए हैं।’ ‘जी पापा’ कहते हुए...