पारमिता षड़ंगी

पारमिता षड़ंगी

    ओड़िया और हिंदी में एक जाना-पहचाना नाम। कई पुरस्कारों से सम्मानित। देश और विदेश की कई भाषाओं में रचनाएं अनूदित। यूं ही कविता लिखते लिखते मेरे घर की छत से गिरतीबारिश की बूंदेंकिसी के आंसू थेआसमान रो रहा था! शायद उस दिनछत बनाते वक्तमजदूर के शरीर का पसीना...
पत्थर में बदलने वाली : पारमिता षड़ंगी

पत्थर में बदलने वाली : पारमिता षड़ंगी

ओड़िया कहानी     ओड़िया और हिंदी में एक जाना-पहचाना नाम।कई पुरस्कारों से सम्मानित पारमिता की रचनाएं देश और विदेश की अन्य भाषाओं में भी प्रकाशित हुई हैं। ‘मौसी, सिर्फ तीन फूल चाहिए, पूरा एपार्टमेंट घूम आई यह फूल कहीं नहीं मिला।आज व्रत है।आप तो जानते हो इस व्रत...