पवन करण की गोलचक्कर से दूर जाती कविताएं : आशीष मिश्र

पवन करण की गोलचक्कर से दूर जाती कविताएं : आशीष मिश्र

युवा आलोचक। और साहित्यिक-सांस्कृतिक रूप से निरंतर सक्रिय। हिंदी कविता के इतिहास में दो प्रवृत्तियां लगातार दिखाई पड़ती हैं। पहली प्रवृत्ति, कविता को कवि-कौशल से अर्जित बहुमूल्य कलात्मक वस्तु मानने की और दूसरी, कविता को जीवन का स्वाभाविक कलात्मक विकास तथा सार्वजनिक...
कवि विशेष पवन करण की कविताएं

कवि विशेष पवन करण की कविताएं

अद्यतन कविता संग्रह,‘स्त्रीशतक खंड-एक’ और ‘स्त्रीशतक खंड-दो’। ‘नई दुनिया’, ग्वालियर के साहित्यिक पृष्ठ ‘सृजन’ का संपादन। 1-आपदा अकाल में अन्न के अभाव मेंहम बहुत सारे मारे गएबीमारी में दवाइयों के बिनाहम खूब सारे जिंदा नहीं बचेबाढ़ में, तूफान में, भूकंप मेंहम ढेर सारे...