युवा लेखिका। यह पहली कहानी। संप्रति गृहिणी। भारत के हर क्षेत्र में एक न एक झोपड़पट्टी होती ही है। इसी तरह हर झोपड़पट्टी की एक न एक कहानी भी होती है। अनेक राजनीतिक वायदों के मद्देनजर इनका बसना उजड़ना तय होता है। इन्हीं वादों के अनुरूप फिर से एक नई झोपड़पट्टी का बसना होता...
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