युवा कवयित्री।कोलकाता के दिल्ली पब्लिक स्कूल में गणित की शिक्षिका। बोलने और न बोलने के बीचबोलने के हजार दुख थेन बोलने के असीमित बावजूद इसके हमने न बोलना चुना बाहर के शोर की बनिस्बतअंदर का तूफानतन, मन और पूरे जीवन कोछिन्न-भिन्न करने के लिए पर्याप्त...
युवा कवयित्री। कोलकाता में शिक्षिका। स्त्रियां बचा लेती हैं स्त्रियां अकसर बचा लेती हैं एक मुट्ठी अनाजकहती हैं इससे बरकत रहती हैसहेज रखती हैं नए-पुराने कपड़ेजाने कब कौन से अवसर पर काम आ जाएंगाहे-बगाहे बचाती हैंज्यादा या थोड़ा तेलजरा सी शक्कर और कुछ छंटाक...
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