युवा कवि। कविता संग्रह ‘सब तुम्हारा’ प्रकाशित।संप्रति : ‘हिन्दुस्तान’ रांची के संपादकीय विभाग में कार्यरत। कविता से उम्मीद ओस से भी ज्यादा कोमलऔर आंसू से भी ज्यादा खामोशअपने प्रेम को कहां रखूंमैं देखता हूँहर चीज के लिएखोजी जाती है एक मुफीद जगहदुख से बचने की...
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