प्रतिभा चौहान

प्रतिभा चौहान

    वरिष्ठ कवयित्री।कविता संग्रह ‘जंगलों में पगडंडियाँ’, ‘पेड़ों पर हैं मछलियाँ’, ‘बारहखड़ी से बाहर’।संप्रति न्यायाधीश, बिहार न्यायिक सेवा। उम्मीद पतझड़ के बादपेड़ की उम्मीदें खत्म नहीं होतींपर युद्धखत्म कर देता हैउम्मीदों की भी उम्मीद। युद्ध से परे युद्ध...
कविता : प्रतिभा चौहान

कविता : प्रतिभा चौहान

      कविता संग्रह  ‘पेड़ों पर मछलियाँ’। न्यायाधीश, बिहार न्यायिक सेवा। कविता – एक वे आगे बढ़ते गएउन्होंने रास्ते में आई हर एक चीज़ काअपने हिसाब से रूप बदलना चाहाऔर बदल डालावे और आगे बढ़ेउन्होंने अपने समूहों को सर्वश्रेष्ठ कहाखुद को...