न जाने क्या चाहता हूँ मैं : रामकरण शर्मा, अनुवाद – प्रवीण पंड्या

न जाने क्या चाहता हूँ मैं : रामकरण शर्मा, अनुवाद – प्रवीण पंड्या

रामकरण शर्मा (१९२७ – २०१८) साहित्य अकादेमी, भारतीय भाषा परिषद, बिड़ला फाउंडेशन से पुरस्कृत।करीब १८ काव्यसंग्रह , 2उपन्यास प्रकाशित।समकालिक संस्कृत कविता के प्रतिष्ठित हस्ताक्षर। ज्यों-ज्यों पाता हूँ सुखलंबी आयुताकत, पद, सोना और अभिज्ञतात्यों-त्यों मेरी पिपासाएं...
संस्कृत साहित्य का समकाल : प्रस्तुति – प्रवीण पंड्या

संस्कृत साहित्य का समकाल : प्रस्तुति – प्रवीण पंड्या

संस्कृत कवि एवं समीक्षक।चार काव्य संग्रह सहित २५ पुस्तकें प्रकाशित। ‘संस्कृत काव्यशास्त्र और विमर्श’ हाल में प्रकाशित एक चर्चित पुस्तक। भारतीय भाषाओं में संस्कृत भाषा का अपना महत्व इसके साहित्य के कारण है।संस्कृत साहित्य उत्तर और दक्षिण भारत में समान रूप से रचित...
गुजराती कविता गांधी : त्रिभुवनदास परसोत्तमदास लुहार ‘सुंदरम’, अनुवाद : प्रवीण पंड्या

गुजराती कविता गांधी : त्रिभुवनदास परसोत्तमदास लुहार ‘सुंदरम’, अनुवाद : प्रवीण पंड्या

त्रिभुवनदास परसोत्तमदास लुहार ‘सुंदरम’ (१९०८-१९९१) साहित्य अकादमी व पद्म भूषण से सम्मानित।प्रसिद्ध पुस्तक ‘अर्वाचीन कविता’। प्रवीण पांड्या संस्कृत कवि एवं आलोचक। संस्कृत में चार काव्य संग्रह प्रकाशित। (१)हुआ है पृथ्वी के, तल पर युगारंभ बल कालिया विद्युत् वायु, स्थल जल...