न खोली गई चिट्ठी : प्रेम रंजन अनिमेष

न खोली गई चिट्ठी : प्रेम रंजन अनिमेष

  भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित रचनाकार।कविता, कहानी, गीत, संस्मरण, नाटक आदि कई विधाओं की पुस्तकें प्रकाशित।संप्रति रिजर्व बैंक, मुंबई में अधिकारी। अरसे बाद जा रहे थे गांव साथ-साथ।इसलिए नहीं कि बाबू जी को देखने की इच्छा बलवती थी।संगिनी तो गांव जाना ही...
कविताएं / प्रेम रंजन अनिमेष

कविताएं / प्रेम रंजन अनिमेष

प्रेम रंजन अनिमेष, सुपरिचित कवि अद्यतन कविता संग्रह ‘बिन मुँडेर की छत’। मुंबई में बैंक अधिकारी। 1- सर्वांगिनी एक लुगरी वाली लुगाई आधा धोती आधा सुखाती आधा ओढ़ती आधा बिछाती आधी ढँकी आधी खुली बादलों के आरपार सूरज चाँद झलकाती आधा संसार कहाती पर सच तो यह सच में पूरा इसको...