बारिश : मंगलेश डबराल, स्वर : प्रियंका गुप्ता

बारिश : मंगलेश डबराल, स्वर : प्रियंका गुप्ता

खिड़की से अचानक बारिश आईएक तेज़ बौछार ने मुझे बीच नींद से जगायादरवाज़े खटखटाए ख़ाली बर्तनों को बजायाउसके फुर्तील्रे क़दम पूरे घर में फैल गएवह काँपते हुए घर की नींव में धँसना चाहती थीपुरानी तस्वीरों टूटे हुए छातों और बक्सों के भीतरपहुँचना चाहती थी तहाए हुए कपड़ों...
उनको प्रणाम! : नागार्जुन

उनको प्रणाम! : नागार्जुन

रचना आवृत्ति : प्रियंका गुप्ताध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतुदृश्य संयोजन-संपादन : उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता अनुपमा ऋतु, उपमा ऋचा, प्रियंका...
अफ़ग़ानिस्तान की बेटियां

अफ़ग़ानिस्तान की बेटियां

आज़ाद हवाओं में सांस लेने वालों के लिए कविता एक शगल हो सकती है, लेकिन बारूदी धुएँ से घुटी फिज़ाओं वाले अफगानिस्तान जैसे देशों में कवि होना, गुमनामियों और मौत को दावत देना है। खासतौर पर तब, जबकि आप एक स्त्री हों। लेकिन मायने तो इसी बात के हैं कि जब मौत सामने खड़ी हो तब आप...
कविता चित्रपाठ :  मैं अकेली हूं, जिसकी क़यामत है

कविता चित्रपाठ : मैं अकेली हूं, जिसकी क़यामत है

अंग्रेजी साहित्य के क्लासिक ‘Wuthering Heights’ की रचनाकार एमिली ब्रोंटे जन्मदिन के अवसर पर वागर्थ की विशेष प्रस्तुति कविता चित्रपाठ : रचना : मैं अकेली हूं, जिसकी क़यामत है रचनाकार : एमिली ब्रोंटे आवृत्ति : प्रियंका गुप्ता अनुवाद, संयोजन एवं संपादन : उपमा...
पिता को समर्पित चार कविताएं

पिता को समर्पित चार कविताएं

रचना : मेले, रचनाकार :जावेद अख्तर रचना : दिवंगत पिता के लिए, रचनाकार :सर्वेश्वर दयाल सक्सेना रचना : पिता से गले मिलते, रचनाकार :कुंवर नारायण रचना : चाय पीते हुए, रचनाकार :अज्ञेय संयोजन एवं संपादन :उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ,भारतीय भाषा परिषद् उपमा ऋचा, प्रियंका...