राहुल शिवाय

राहुल शिवाय

    युवा कवि। नया संग्रह ‘मौन भी अपराध है’ (नवगीत संग्रह)। संप्रति : उपनिदेशक कविता कोश। गजल सूरज के पांवों में मुझे छाला नहीं मिलाजुगनू से आसमां को उजाला नहीं मिला पत्थर में शिव की प्राप्ति उन्हें हो नहीं सकीजिनको कि आदमी में शिवाला नहीं मिला अब शक भरी...
दो ग़ज़ल : राहुल शिवाय

दो ग़ज़ल : राहुल शिवाय

युवा कवि।नया संग्रह ‘मौन भी अपराध है’ (नवगीत संग्रह)।संप्रति उपनिदेशक कविता कोश। एकघुप अंधेरा है मगर तू रोशनी को ढूंढ लेदुख भरी इस जिंदगी से चल खुशी को ढूंढ ले दूर है मंजिल तुम्हारी और रस्ता है कठिनजिंदगी के इस सफर में तू किसी को ढूंढ ले मौत के दर पर खड़ी है लाख तेरी...