राजीव कुमार ‘त्रिगर्ती’

राजीव कुमार ‘त्रिगर्ती’

    वरिष्ठ कवि।अब तक दो कविता संकलन प्रकाशित।संप्रति अध्यापन। मैंने चाहा ही ऐसा मैंने चाहा ही ऐसाजो मेरी सामर्थ्य से अधिक था मैंने चाहाधूप की सेज पर तारों को बिछानाऔर चांदनी को ओढ़ लेना मैंने चाहाअस्ताचल की धूप सेसुलगकर लाल हुई बर्फ कोहुक्के में भरकर...
तुम्हारी अनुभूतियों में  : राजीव कुमार ‘त्रिगर्ती’

तुम्हारी अनुभूतियों में : राजीव कुमार ‘त्रिगर्ती’

      वरिष्ठ कवि।अब तक दो कविता संकलन प्रकाशित।संप्रति अध्यापन। एक दिनजब तुम मुझे याद करोगीतब मैंतुम्हारे कमरे के गुलदस्ते मेंमुरझाएबासी फूल की सुगंध की तरहदूर जा चुका होऊंगातुम छोड़ोगीअपनी यादों को मेरे पीछेऔर वे लौट आएंगीमायूस होकरअलमारी की किताबों से...