स्मृतियाँ मरतीं नहीं : राजेंद्र नागदेव कविता कवि, चित्रकार, वास्तुकार। अद्यतन कविता संग्रह् ‘सुरंग में लड़की’। अंदर की दुनिया में बेआवाज़ बहुत बोलते हैं हमअक्सर मैं अवकाश या बिना अवकाश के समय भीअपने अतीत से बातें करता हूँ वहाँ अब मुझे वह कौआ कहीं दिखाई नहीं देताजो दो खंभों के बीचझूलती...
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