राजेंद्र उपाध्याय

राजेंद्र उपाध्याय

    सुपरिचित वरिष्ठ कवि।अद्यतन कविता संग्रह ‘ईश्वर एक अनाड़ी फोटोग्राफर है’। मैं जाऊंगा मैं जाऊंगा अपने प्रिय घोंसले पर फिरउस पहाड़ी इलाके में, वर्षा के घर मेंसुंदरता के उस संसार में फिरमैं मैदानों में हो गया बोरमैं जाऊंगा पहाड़ी वन प्रदेशों उपत्यकाओं...
पहचान पत्र गुम हो जाने पर : राजेंद्र उपाध्याय

पहचान पत्र गुम हो जाने पर : राजेंद्र उपाध्याय

सुपरिचित कवि। अद्यतन कविता संग्रह ‘ईश्वर एक अनाड़ी फोटोग्राफर है’। हर दिन लेकर चलना होता हैअपनी पहचान अपनी जेब मेंमैं घर भूल कर नहीं आ सकता अपनी पहचानभले ही अपने दिल को कहीं भूलकर आ जाऊं मैं रखता हूं रोज उसेअपनी जेब मेंघर से निकलने से पहलेजैसेअपने दिल को रख रहा होऊंमैं...
पहचान पत्र गुम हो जाने पर : राजेंद्र उपाध्याय

पहचान पत्र गुम हो जाने पर : राजेंद्र उपाध्याय

सुपरिचित कवि। अद्यतन कविता संग्रह ‘ईश्वर एक अनाड़ी फोटोग्राफर है’। हर दिन लेकर चलना होता हैअपनी पहचान अपनी जेब मेंमैं घर भूल कर नहीं आ सकता अपनी पहचानभले ही अपने दिल को कहीं भूलकर आ जाऊं मैं रखता हूं रोज उसेअपनी जेब मेंघर से निकलने से पहलेजैसेअपने दिल को रख रहा होऊंमैं...
जेबें/ राजेंद्र उपाध्याय

जेबें/ राजेंद्र उपाध्याय

राजेन्द्र उपाध्याय सुपरिचित कवि, अद्यतन कविता संग्रह ‘ईश्वर एक अनाड़ी फोटोग्राफर है’ जेबें होती हैं हरेक के पॉकेट में शर्ट में, कोट में, पतलून में, पाजामे में, ओवरकोट में, कुर्ते में, छतरी में, पर्स में, झोले में   जेब के भीतर जेब होती है एक नहीं कई जेबें होती...