वरिष्ठ ग़ज़लकार। ग़ज़ल समेत विभिन्न विधाओं की 12 पुस्तकें प्रकाशित। गजल एकपूछते हो तुम हमारा हाल क्याबेबसी की खींचते हो खाल क्या पूछता अब प्रश्न कोई क्यों नहींमर गया है वक्त का बेताल क्या जिंदगी होने लगी जो बेसुरीचाहिए उसको नहीं सुर ताल क्या इस तरह हम हैं...
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