रमेश चंद्र पंत

रमेश चंद्र पंत

    ‘गूँजती रहती है प्रतिध्वनि’ कविता संग्रह एवं ‘भोर की किरण’ नवगीत संग्रह के साथ-साथ बाल-साहित्य की 8 पुस्तकें। संप्रति : स्वतंत्र लेखन। दर्प में डूबी आत्माएं एक साथ भीतरबहुत-कुछ टूट जाता हैजब आवाज़ आती है कहींकिसी बच्चे के सुबकने कीवह झरना जो बह रहा होता...