कवि, आलोचक। अद्यतन कविता संग्रह ‘लौटता हूं मैं तुम्हारे पास’ आज की कहानी कई अर्थों में अपनी पूर्ववर्ती कहानियों से भिन्न है। यह न केवल नई विषयवस्तुओं का संधान करती है, बल्कि कथा के अनेक ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में प्रवेश करने का जोखिम भी उठाती है, जो आज से...
प्रस्तुति : मनोज मोहन हिंदी के साहित्यिक-सांस्कृतिक दुनिया में निरंतर सक्रिय। वर्तमान में सीएसडीएस की पत्रिका ‘प्रतिमान : समय समाज संस्कृति’ के संपादकीय विभाग से संबद्ध। दुनिया में विज्ञान की जगह टेक्नोलॉजी का महत्व बढ़ा है और जैसे पश्चिमी देश ही एक बार...
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