पहचान : राम करन

पहचान : राम करन

अधेड़ आदमी अभी भी बाहर खड़ा था। अंततः मीरा बाहर निकली। उसने कहा, ‘बेटी बता रही थी कि आप बहुत देर से इधर ही देख रहे हैं। मैंने भी देखा। किसी जान-पहचान वाले को ढूंढ रहे हैं या कोई और बात हैं?’ ‘नहीं.. कोई बात नहीं है।’ अधेड़ हकलाया। ‘कुछ तो जरूर है।’… ‘जी, बात ये है...
दादी : रामकरन

दादी : रामकरन

रश्मि अपने भाषण की प्रैक्टिस कर रही थी। साथ में थी उसकी बेस्ट फ्रेंड – उसकी दादी! वह बोलती, फिर दादी से उस पर डिस्कस करती। अचानक उसे कुछ याद आया। वह बोली- ‘दादी, आप कुछ बोलिए।’ दादी अचकचा गई, ‘मैं! मैं क्या बोलूँ!’ ‘कुछ भी। वही जो हमे रोज सुनाती हो’, रश्मि बोली।...