शमशेर बहादुर सिंह पर विशेष कार्य। कवि और अनुवादक। असमाप्त करुणा रक्त रंजित सूर्यघुलता और उभरता रहा अनादि काल सेबहते नदी नालों समुंदरों मेंवन-उपवन-पहाड़ों पर अनवरत बरसता रहा समय के आईने पाटती रूह-ब-रूह स्मृतियांबदले परिवेश में फिर लौटती हैंहक़ीक़त बनजमे हुए ख़ून के...
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