विस्मृति से एतराज़
शिक्षाविद एवं आलोचक। ‘लोकप्रिय कविता का समाजशास्त्र’, ‘भक्तिकाव्य का समाजशास्त्र और पद्मावत’, ‘अनमिल आखर’ समेत आठ पुस्तकें। ‘समालोचना का अर्थ पक्षपात रहित होकर न्यायपूर्वक किसी पुस्तक के यथार्थ गुण-दोष की विवेचना करना और उसके ग्रंथकर्ता को एक विज्ञप्ति देना है,...
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