रविशंकर सिंह

रविशंकर सिंह

वरिष्ठ कथाकार। कहानी संग्रह ‘तुमको नहीं भूल पाएंगे’। बहुत दिनों बाद गाछ से टपके आम बीननेतुम अब भी बेतहाशा दौड़ लगाती होतुम उतनी ही बातूनी हो अब भीक्या आज भी मुस्कुराते समयतुम्हारे गालों पर बनते हैं डिंपलएक खत मिला था मुझे अनामप्रेषक का नाम नहीं लिखा...
योद्धा : रविशंकर सिंह

योद्धा : रविशंकर सिंह

वरिष्ठ कथाकार। कहानी संग्रह ‘तुमको नहीं भूल पाएंगे’। तालाब के निथरे जल में रात्रि के अंतिम पहर का नीम अंधेरा धीरे-धीरे घुल रहा था। भोर का उजास साइबेरियन पक्षी की तरह पंख फैलाकर पेड़ों की फुनगियों पर उतर रहा था। नीड़ों में पखेरू कलरव  करने लगे थे। कोयल की...
योद्धा : रविशंकर सिंह

योद्धा : रविशंकर सिंह

वरिष्ठ कथाकार। कहानी संग्रह ‘तुमको नहीं भूल पाएंगे’। तालाब के निथरे जल में रात्रि के अंतिम पहर का नीम अंधेरा धीरे-धीरे घुल रहा था। भोर का उजास साइबेरियन पक्षी की तरह पंख फैलाकर पेड़ों की फुनगियों पर उतर रहा था। नीड़ों में पखेरू कलरव  करने लगे थे। कोयल की...