साहित्य की विविधता पर खतरे, प्रस्तुति : रूपेश कुमार यादव

साहित्य की विविधता पर खतरे, प्रस्तुति : रूपेश कुमार यादव

विद्यासागर विश्वविद्यालय में शोधार्थी और संस्कृतिकर्मी। मनोरंजन बाजार के बढ़ते प्रभाव ने आज लोगों में किताबें पढ़ने की रुचि कम कर दी है।इसका असर विधाओं के अस्तित्व पर पड़ा है।पाठकों की रुचि का लेखकों पर असर पड़ता है। साहित्य की कई विधाएं हैं- कहानी, उपन्यास, कविता,...
हिंसा की सभ्यता, प्रस्तुति : रूपेश कुमार यादव

हिंसा की सभ्यता, प्रस्तुति : रूपेश कुमार यादव

विद्यासागर विश्वविद्यालय में शोधार्थी और संस्कृतिकर्मी। हिंसा एक आदिम प्रवृत्ति है।इसका लक्ष्य है, सामने वाले में वर्चस्व के लिए भय और आतंक पैदा करना।हिंसा की परिभाषा देते हुए कहा गया है कि हिंसा किसी व्यक्ति या समूह के विरुद्ध शारीरिक शक्ति का साभिप्राय उपयोग है।यह...
स्त्री विमर्श – नए मुद्दे प्रस्तुति : रूपेश कुमार यादव

स्त्री विमर्श – नए मुद्दे प्रस्तुति : रूपेश कुमार यादव

स्त्री विमर्श आधी आबादी के संघर्ष और उत्थान का विमर्श है।फ्रांसीसी राज्य क्रांति (1789) के तीन प्रमुख बिंदु थे- समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व।ये किसी भी देश में मानवता के हक में जरूरी हैं।पश्चिमी देश और भारत के इसी समानता के सिद्धांत के तहत स्त्री के हक और स्त्री...