वरिष्ठ कवि, आलोचक और लोक साहित्य के विद्वान। ‘साखी’ पत्रिका के संपादक।रैदास के पदों का काव्यांतरण हाल में प्रकाशित।बनारस हिंदू विश्वविद्याल के हिंदी विभाग में प्रोफेसर। वह बनारस की एक पवित्र सुबह थीताज़ा फूलों की ख़ुशबूगंगा की लहरों पर तैर रही थीमंदिर की...
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