दो काव्य-संग्रह ‘माँ और अन्य कविताएं’, ‘मौन को मुखर होने दो’। भोजपुरी भाषा में भी दो साझा संग्रह। जीवन-गीत तुम गा सकते होतुम आलाप सकते होजीवन के सारे रागतुम रो सकते होहां! तभी तो तुम गा सकते हो कोयल गाती हैमेंढ़क भी गाता हैदोनों गाते हैं जीवन गीतसंगीत...
कवयित्री, लेखिका एवं लघुकथाकार। काव्यसंग्रह- ‘माँ और अन्य कविताएं’। हँसी या बेबसी अकेलापन बेहतर हैआत्मा पर चोट करतीअपनों की भीड़ सेखामोशी बेहतर हैदिल को दुखाने वालीबातचीत सेएक टीस उठती हैरिश्तों के बदलते रंग को देखकरक्या सचमुचआज गिरगिट हँस रहे हैंइनसानों को देखकर ?...
कवयित्री, लेखिका एवं लघुकथाकार। काव्यसंग्रह- ‘माँ और अन्य कविताएं’। हँसी या बेबसी अकेलापन बेहतर हैआत्मा पर चोट करतीअपनों की भीड़ सेखामोशी बेहतर हैदिल को दुखाने वालीबातचीत सेएक टीस उठती हैरिश्तों के बदलते रंग को देखकरक्या सचमुचआज गिरगिट हँस रहे हैंइनसानों को देखकर ?...
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