युवा कवयित्री। प्रकाशित कृतियां‘तीस पार की नदियां’ और ‘वक्त कहां लौट पाता है’। पुरखा जब धरती सूख करफट जाएगीबादल जब सघन न हो पाएंगेमनुष्य जब बूंद – बूंदको तरसेगातब लाएगी गौरैयाचोंच भर पानीडालेगी समुद्र के पेट मेंपेड़ों की जड़ों मेंधरती की दरारों...
युवा कवयित्री। काव्य संग्रह ‘तीस पार की नदियाँ’। जब जा रही थी गौरैयाअंतिम बार मेरे आंगन सेपलट कर देखा था मुझेअपनी उदास डबडबाई आंखों सेवह ढूंढ रही थीआंगन के टुकड़ों मेंअपना फुदकनानीम की डालों के बीचअपनी अठखेलियाँछत पर बिखरे ईंट-पत्थरों मेंअपना...
Recent Comments