गौरैया तुम फिर आना : सत्या शर्मा ‘कीर्ति’ कविता युवा कवयित्री। काव्य संग्रह ‘तीस पार की नदियाँ’। जब जा रही थी गौरैयाअंतिम बार मेरे आंगन सेपलट कर देखा था मुझेअपनी उदास डबडबाई आंखों सेवह ढूंढ रही थीआंगन के टुकड़ों मेंअपना फुदकनानीम की डालों के बीचअपनी अठखेलियाँछत पर बिखरे ईंट-पत्थरों मेंअपना...
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