तीन दशक से पत्रकारिता में सक्रिय रहते हुए हाल तक आजतक ग्रुप के वरिष्ठ पद पर कार्यरत थे। कवि के रूप में इनके दो कविता संग्रह ‘रोटियों के हादसे’, ’अंधेरे अपने-अपने’ प्रकाशित। कोरोना की चपेट में आकर अकाल मृत्यु। पूरा जूता कीचड़ में सन गया। बारिश तो हुई नहीं थी, इसलिए उसे...
तीन दशक से पत्रकारिता में सक्रिय रहते हुए हाल तक आजतक ग्रुप के वरिष्ठ पद पर कार्यरत थे। कवि के रूप में इनके दो कविता संग्रह ‘रोटियों के हादसे’, ’अंधेरे अपने-अपने’ प्रकाशित। कोरोना की चपेट में आकर अकाल मृत्यु। पूरा जूता कीचड़ में सन गया। बारिश तो हुई नहीं थी, इसलिए उसे...
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