वरिष्ठ आलोचक। ‘वसुधा’ पत्रिका से जुड़े हुए थे। उम्मीदों की इबारत किसान उजड़े द्वीपों का कोई टापू नहींन टूटी-फूटी पुरानी चीज़ों का संग्रहालयवह मरी आत्माओं का दफ्तर भी नहींवह हिंसकों, अपराधियों और शैतानों कारोज़नामचा भी नहींवह कब्रों के अंदरसोई खामोशी का आईना...
वरिष्ठ आलोचक। ‘वसुधा’ पत्रिका से जुड़े हुए थे लोक के विश्वास और जातीय स्मृतियां आश्चर्यजनक तरीके से हमें अपनी ओर आकर्षित करती हैं।लोक आख्यान है, जीवन भी है और जीवन का सच भी है।इससे आंखें फेर कर कोई आगे की यात्रा नहीं कर पाएगा।इस दौर में लोक को याद करते हुए मुझे बहुत...
प्रस्तुति : विनोद कुमार यादव शोध छात्र, विद्यासागर विश्वविद्यालय, मेदिनीपुर कोरोना ने पूरे विश्व को हिला दिया है। अब वैक्सिन आने के बावजूद उसका दूसरा आक्रमण सामने है। दुनिया में जिस एक मुद्दे पर हाल के दशकों में सबसे ज्यादा चर्चा हुई है, वह कोरोना से होनेवाली क्षति और...
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