पूर्वग्रह : शशि बांयवाला

पूर्वग्रह : शशि बांयवाला

एक शिक्षिका की अपने संस्थान में काफी सख्त छवि थी। कुछ ऐसा ही प्रचार था। एक दिन कुछ विद्यार्थियों को उस तक कुछ कागजात पहुंचाने के लिए कहा गया।  9 से 14 वर्ष तक के विद्यार्थी थे। सभी ने मना कर दिया। किसी ने एक बहाना बनाया तो किसी ने दूसरा। शिक्षिका पुस्तकालय में थी। अंत...
नया भाई : शशि बाँयवाला

नया भाई : शशि बाँयवाला

यह दावत अनूठी थी। सभी खुश थे। सालभर पहले जब मेरे पचीस वर्षीय भाई की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हुई तो मैं कई दिन तक शोक में डूबी रही। तब ऐसी किसी दावत के बारे में सोचना नामुमिकन था। आज मेरे सद्यःजात भाई का जन्मोत्सव है। मेरे माता-पिता खुश हैं और उन्हें खुश देखकर मैं गदगद...
गोद : शशि बायंवाला

गोद : शशि बायंवाला

मैं दफ्तर के काम से बाहर गया हुआ था।सुबह आया तो सीधा दफ्तर ही चला गया।लौटने में देर हो गई।मीता से बात ही नहीं हो पाई।मैंने सोचा सब ठीक ही होगा, वरना वह ख़ुद ही कॉल कर लेती।इतनी रात को भी जब बहादुर ने दरवाजा खोला तो मेरा दिमाग ठनका।मैंने पूछा, ‘मैडम नहीं हैं?’‘नहीं,...