अंग्रेजी मीडियम : शेफालिका सिन्हा

अंग्रेजी मीडियम : शेफालिका सिन्हा

दो-तीन दिनों से काम करने वाली मुन्नी मुझसे कुछ कहना चाह रही है, पर कह नहीं पा रही थी। कहे भी कैसे, सुबह में मुन्नी के आने के पहले तो मैं स्कूल चली जाती हूँ, शाम को जब मुन्नी आती है, तब मैं थकी-हारी सोई रहती हूँ। इस समय मैं किसी का सुनना नहीं चाहती।  एक रविवार ही होता...
अंतिम अस्त्र : शेफालिका सिन्हा

अंतिम अस्त्र : शेफालिका सिन्हा

दुकानदार अड़ा हुआ था, ‘नहीं, इसे हम नहीं बदल सकते, कल हमने चेक करके दिया था।’ ‘चेक करके आपने खराब वाला दे दिया।मुझसे इतनी गलती जरूर हुई कि मैंने देख कर नहीं लिया’, मायूसी से सीमा ने कहा। दुकानदार कहने लगा, ‘हम कांच की चीजें नहीं बदलते।’ सीमा का मूड उखड़ गया, ‘कल मेरे...