शिक्षिका एवं स्वतंत्र लेखन। ‘अर्द्धरात्रि का निःशब्द राग’ (काव्य संग्रह), ‘वटवृक्ष की जटाएं और अन्य कहानियां’। मंडी तालाब के चारों किनारों पररोपते हुए जटामांसी के मखमली पौधे उम्मीद थीजब ये पौधे हो जाएंगे बड़े जेठ की तपनऔर आसमान से बरसती धाह मेंठहरेंगी कुछ...
शिक्षण एवं स्वतंत्र लेखन। ‘अर्द्धरात्रि का निःशब्द राग’ (काव्य संग्रह), ‘वटवृक्ष की जटाएं और अन्य कहानियां’। मां घर के पिछवाड़े कीटूटी खाट है मां बथान में बेटों कीअगोरती बाट है मां झुर्रियों और दरारों मेंकराहती आवाज है मां लुढ़कती टूटी-फूटीबेरंग साज है मां...
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