ओड़िया कविता मैं लौट क्यों आती हूँ : सुचेता मिश्र, ओड़िया से अनुवाद : राजेंद्र प्रसाद मिश्र

ओड़िया कविता मैं लौट क्यों आती हूँ : सुचेता मिश्र, ओड़िया से अनुवाद : राजेंद्र प्रसाद मिश्र

ओड़िशा साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत कवयित्री। एक निबंध संग्रह और दो उपन्यास प्रकाशित। वरिष्ठ अनुवादक। पक्षियों को दाना चुगा सकती हूँरसोई में नमक की तरह रह सकती हूँगिरते तारों को आंचल में सहेज सकती हूँतभी तोबार-बार कविता तक आती हूँ तुम पैर पटकते होपैंफलेट छापते...