कविता : सुभद्रा कुमारी चौहान, पाठ : संध्या नवोदिता

कविता : सुभद्रा कुमारी चौहान, पाठ : संध्या नवोदिता

कविता पाठ : संध्या नवोदिता ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु दृश्य संयोजन-सम्पादन : उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता अनुपमा ऋतु, उपमा ऋचा, संध्या नवोदिता, सिल्विया...
सिल्विया प्लाथ

सिल्विया प्लाथ

मैं बन्द करती हूँ अपनी आँखें और मृत हो जाता है यह संसारमैं उठाती हूँ अपनी पलकें और सब लौट जाता है फिर एक बार(सोचती हूँ, तुम्हें गढ़ा हैं मैंने अपने जेहन में) तारे होते हैं नृत्यरत आसमानी और लालऔर अनियंत्रित अन्धकार लेकर आता है रफ़्तारमैं बन्द करती हूँ अपनी आँखें और...