सोनी पांडेय

सोनी पांडेय

    युवा कवयित्री। कविता संग्रह- ‘मन की खुलती गिरहें’ और ‘आखिरी प्रेम-पत्र’। जेठ की दोपहरी किसी हठी बच्चे सा अड़ा मनदोपहर की तपती धरती पर रखता है पैरपैर में छाले हैंमन पहचानने लगा है धरती का ताप सूरज की गरमी से ज्यादा आग हैधरती के पासइतनी दाह है लोगों के मन...
तुम्हारा आखिरी प्रेम-पत्र : सोनी पांडेय

तुम्हारा आखिरी प्रेम-पत्र : सोनी पांडेय

अद्यतन कविता संग्रह ‘मन की खुलती गिरहें’, और अद्यतन कहानी संग्रह ‘तीन लहरें’। (1) इस मौसम भीगुलमोहर जरूर खिला होगामैं ही मुरझा रही हूँतुम्हें देखना था जी भरआंचल में भर लेना थामन की तहों में दबा कर रखना थाकि गुलमोहर मेरी याद मेंतुम्हारा आखिरी...