चार दशकों से पत्रकारिता।संप्रति लखनऊ में ‘जनसंदेश टाइम्स’ के प्रधान संपादक।एक काव्य संग्रह ‘सलीब पर सच’ प्रकाशित। युद्ध : कुछ तस्वीरें 1नक्शे पढ़ना जानती हैं मिसाइलेंनक्शे से कुछ भी मिटा सकती हैं मिसाइलेंलेकिन मनुष्यता के सपनों कोनिशाना नहीं बना...
चार दशकों से पत्रकारिता| संप्रति लखनऊ में ‘जनसंदेश टाइम्स’ के प्रधान संपादक| एक काव्य संग्रह ‘सलीब पर सच’ प्रकाशित| तस्वीरें तस्वीरों में जितना दिखता हैउससे ज्यादा रह जाता है बाहरतस्वीरें कहां बताती हैं कि कभी भीबदल सकती है तस्वीररात-दिन चलते मजदूरों...
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