वरिष्ठ कवि। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। वर्तमान में इलाहाबाद के ‘आखर’ साहित्यिक-सांस्कृतिक मंच से संबद्ध। अब चंदामामा दूर के नहीं रहे(चंद्रयान के प्रक्षेपण के अवसर पर) अब चंदामामा दूर के नहीं रहेहिंदुस्तान के लिएअब आने वाले हैं बहुत...
साहित्य और संस्कृति कर्म के अलावा जन-आंदोलनों से गहरा जुड़ाव।वर्तमान में ‘आखर’ साहित्यिक- सांस्कृतिक मंच से संबद्ध। सपने सपने देखते हुए अकसर सोचता हूँबहुत हैरत से भर करदुनिया में कितनी-कितनी तरह के होते हैं सपनेकुछ सपनेसिर्फ जमीन केएक टुकड़े के बराबर होते हैंकुछ सपने...
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