कविताएँ : सुधीर पाल

कविताएँ : सुधीर पाल

लगभग ढाई दशकों तक सक्रिय पत्रकारिता,  दैनिक रांची एक्सप्रेस में ‘मैनेजिंग एडिटर’।अब स्वतंत्र लेखन।अभिशासन और जनजातीय विषयों पर आधा दर्जन से ज्यादा किताबें प्रकाशित। मिथक नहीं है ब्रह्मांड कोपरनिकस को सताने सेपृथ्वी सुस्ताने नहीं लगागैलेलियो को जेल में बंद करने के बाद...