सत्यजीत राय के  सिनेमा में रवींद्रनाथ ठाकुर की छाया : सुरभि विप्लव

सत्यजीत राय के सिनेमा में रवींद्रनाथ ठाकुर की छाया : सुरभि विप्लव

सहायक प्रोफेसर, प्रदर्शनकारी कला विभाग, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्व विद्यालय, वर्धा ‘बहु दिन धरे, बहु कोश दुरेबहु व्यय कोरे, बहु देश घुरेदेखते गियेछि पर्वत-माला, देखते गियेछि शिंधुदेखा होए ना चक्षु मेलियाघर होते शुधु दुई पा फेलियासारा देश घुरे, देखा होए न...
सत्यजीत राय के  सिनेमा में रवींद्रनाथ ठाकुर की छाया : सुरभि विप्लव

सत्यजीत राय के सिनेमा में रवींद्रनाथ ठाकुर की छाया : सुरभि विप्लव

सहायक प्रोफेसर, प्रदर्शनकारी कला विभाग, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्व विद्यालय, वर्धा ‘बहु दिन धरे, बहु कोश दुरेबहु व्यय कोरे, बहु देश घुरेदेखते गियेछि पर्वत-माला, देखते गियेछि शिंधुदेखा होए ना चक्षु मेलियाघर होते शुधु दुई पा फेलियासारा देश घुरे, देखा होए न...