रवींद्रनाथ टैगोर, रचना पाठ : सूर्यदेव राय

रवींद्रनाथ टैगोर, रचना पाठ : सूर्यदेव राय

दो पंछी सोने के पिंजरे में था पिंजरे का पंछी,और वन का पंछी था वन में !जाने कैसे एक बार दोनों का मिलन हो गया,कौन जाने विधाता के मन में क्या था !वन के पंछी ने कहा,’भाई पिंजरे के पंछीहम दोनों मिलकर वन में चलें.’पिंजरे का पंछी बोला,’भाई बनपाखी,आओहम आराम...
सूर्य देव रॉय

सूर्य देव रॉय

युवा लेखक, कवि और संस्कृति कर्मी।अध्ययनरत। स्त्रियां जब घर बदलती हैं तुम नहीं जानतेस्त्रियां जब घर बदलती हैंमाएं उनके आंचल में प्रेम और गृहस्थी कीदो गांठें बांधकर भेजती हैंशायद तुम नहीं जानतेस्त्रियों की बेचैनी के न्योते परसबसे पहले स्त्रियों के पास आती है सुबहशायद...
पिता को समर्पित चार कविताएं

पिता को समर्पित चार कविताएं

रचना : मेले, रचनाकार :जावेद अख्तर रचना : दिवंगत पिता के लिए, रचनाकार :सर्वेश्वर दयाल सक्सेना रचना : पिता से गले मिलते, रचनाकार :कुंवर नारायण रचना : चाय पीते हुए, रचनाकार :अज्ञेय संयोजन एवं संपादन :उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ,भारतीय भाषा परिषद् उपमा ऋचा, प्रियंका...