रंगकर्मी और अनुवादक।लंबे समय से कोलकाता के रंगमंच ‘रंगशिल्पी’ से संबद्ध।अद्यतन कार्य बांग्ला से हिंदी में अनूदित उपन्यास ‘सीतायन’ (मल्लिका सेनगुप्त)। आज प्लास्टिक या पॉलीथिन पर बात करना, लगता है एक ही बात को दुहराना है।आज आप किसी भी व्यक्ति जो...
प्रस्तुति : सुशील कान्ति नाट्यकर्मी, वागर्थ के सहायक संपादक आज हम गांधी-सोच विहीन भारत के निवासी हैं।हम बचपन में पाठ पढ़ते हैं- झूठ बोलना अपराध है, चोरी करना पाप है, सदा सत्य बोलो, अहिंसा परमो धर्मः।लेकिन इन सबका नतीजा पूरी तरह उलटा है।बस हम गांधी के चश्मे को याद रख...
गांधी ने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान आध्यात्मिक प्रश्नों के साथ स्वराज और स्वतंत्रता के प्रश्न उठाए थे| गांधी के जीवन और विचारों से भारत नहीं, संपूर्ण मानव जाति के उत्थान की भावना मजबूत होती है| गांधी जयंती और परिषद स्थापना दिवस के अवसर पर भारतीय भाषा परिषद में आयोजित...
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