राष्ट्रवाद और संकटग्रस्त भाषाएं : अरिमर्दन कुमार त्रिपाठी

राष्ट्रवाद और संकटग्रस्त भाषाएं : अरिमर्दन कुमार त्रिपाठी

प्रस्तुति : अरिमर्दन कुमार त्रिपाठी युवा भाषाविद। विगत एक दशक से भाषा-तकनीक से जुड़े विषयों पर लेखन। विश्वभारती, शांतिनिकेतन में कार्यरत। भारतीय ‘राष्ट्रवाद’ एक संरचना के रूप में स्वतंत्रता-संघर्षों से मुखर हुआ है, जिसमें उदारता, सहिष्णुता और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना...