हान कांग : कहानी अभी ख़त्म नहीं हुई – ‘बनाना राइटर्स’ के साथ एक साक्षात्कार

हान कांग : कहानी अभी ख़त्म नहीं हुई – ‘बनाना राइटर्स’ के साथ एक साक्षात्कार

एक सदी लंबे उपनिवेशवाद, अलगाववाद और तानाशाही के विरुद्ध लोकतंत्र के लिए संघर्ष से गुजरने के बाद दक्षिण कोरियाई लेखकों के पास लिखने के लिए अनगिनत अनसुनी कहानियां बची रही हैं और कलम में पर्याप्त स्याही भी। यही वजह है कि 2014 के लंदन पुस्तक मेले के केंद्र में ‘दक्षिण...
नोबेल विजेता ‘हान कांग’ से जेनी राइडन की बातचीत, अनुवाद और प्रस्तुति : उपमा ॠचा

नोबेल विजेता ‘हान कांग’ से जेनी राइडन की बातचीत, अनुवाद और प्रस्तुति : उपमा ॠचा

साक्षात्कार (10 अक्तूबर 2024। स्थान : साउथ कोरिया। हान कांग के घर में यह दिन दूसरे दिनों की तरह बीत रहा था। यानी शांत, मौन और चुपचाप! वह बस अभी-अभी अपने बेटे के साथ रात का खाना खत्म करके उठी थीं कि कोने में शांत रखा फोन घनघनाने लगा। हान ने कॉल रिसीव की, जो नोबल...
हान कांग की कविता : दर्पण से झांकता शीत, अंग्रेजी से अनुवाद: उपमा ॠचा

हान कांग की कविता : दर्पण से झांकता शीत, अंग्रेजी से अनुवाद: उपमा ॠचा

हाल ही में नोबल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित पहली दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कॉग का जन्म 27 नवम्बर 1970 को ग्वांगजू में हुआ। बचपन से ही वह किताबों के बीच रहीं। शब्दों के संसार में… बाद में यही शब्द उन्हें ‘सियोल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट्स’ के क्रिएटिव राइटिंग विभाग की...
विस्लावा शिम्बोर्स्का की कविता ‘बदला कुछ भी नहीं’, स्वर :अनुपमा ॠतु

विस्लावा शिम्बोर्स्का की कविता ‘बदला कुछ भी नहीं’, स्वर :अनुपमा ॠतु

वाचन व ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु (लेखक, अनुवादक, स्वतंत्र पत्रकार)दृश्य संयोजन-संपादन : उपमा ऋचा (मल्टीमीडिया एडीटर वागर्थ) प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता अनुपमा ऋतु, उपमा...
ज्ञानेंद्रपति की कविता ‘ट्राम में एक याद,’ स्वर : इतु सिंह

ज्ञानेंद्रपति की कविता ‘ट्राम में एक याद,’ स्वर : इतु सिंह

कविता : ट्राम में एक यादकवि :  ज्ञानेंद्रपति कविता पाठ :इतु सिंह (शिक्षिका खिदिरपुर कॉलेज, कोलकाता)ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु (लेखक, अनुवादक, स्वतंत्र पत्रकार)दृश्य संयोजन : उपमा ऋचा (मल्टीमीडिया एडीटर वागर्थ) प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता अनुपमा ऋतु,...