केदारनाथ अग्रवाल कविता चित्रपाठ, स्वर : सुशील कान्ति

केदारनाथ अग्रवाल कविता चित्रपाठ, स्वर : सुशील कान्ति

कवि : केदारनाथ अग्रवाल कविता पाठ :सुशील कान्तिध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु दृश्य संयोजन : उपमा ऋचा  प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता अनुपमा ऋतु, उपमा ऋचा, सुशील...
कमला दास कविता चित्रपाठ : वाचन : इतु सिंह

कमला दास कविता चित्रपाठ : वाचन : इतु सिंह

कविता : शब्द कवि : कमला दासकविता पाठ :इतु सिंह (शिक्षिका खिदिरपुर कॉलेज, कोलकाता)ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु (लेखक, अनुवादक, स्वतंत्र पत्रकार)दृश्य संयोजन : उपमा ऋचा (मल्टीमीडिया एडीटर वागर्थ) प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता अनुपमा ऋतु, इतु सिंह, उपमा...
उपमा ॠचा

उपमा ॠचा

    युवा लेखक और अनुवादक। पुस्तक ‘एक थी इंदिरा’ (इंदिरा गांधी की जीवनी)। मल्टीमीडिया एडीटर वागर्थ’। तुम कर सकते हो क्रांति क्रांति के लिए जरूरी नहीं किचस्पा की जाएंलेनिन, मार्क्स, चेग्वेरा की तस्वीरेंदोहराए जाएं जलते हुए गीतया इंतजार किया जाए किसी ब्लडी संडे...
हान कांग : कहानी अभी ख़त्म नहीं हुई – ‘बनाना राइटर्स’ के साथ एक साक्षात्कार

हान कांग : कहानी अभी ख़त्म नहीं हुई – ‘बनाना राइटर्स’ के साथ एक साक्षात्कार

एक सदी लंबे उपनिवेशवाद, अलगाववाद और तानाशाही के विरुद्ध लोकतंत्र के लिए संघर्ष से गुजरने के बाद दक्षिण कोरियाई लेखकों के पास लिखने के लिए अनगिनत अनसुनी कहानियां बची रही हैं और कलम में पर्याप्त स्याही भी। यही वजह है कि 2014 के लंदन पुस्तक मेले के केंद्र में ‘दक्षिण...
नोबेल विजेता ‘हान कांग’ से जेनी राइडन की बातचीत, अनुवाद और प्रस्तुति : उपमा ॠचा

नोबेल विजेता ‘हान कांग’ से जेनी राइडन की बातचीत, अनुवाद और प्रस्तुति : उपमा ॠचा

साक्षात्कार (10 अक्तूबर 2024। स्थान : साउथ कोरिया। हान कांग के घर में यह दिन दूसरे दिनों की तरह बीत रहा था। यानी शांत, मौन और चुपचाप! वह बस अभी-अभी अपने बेटे के साथ रात का खाना खत्म करके उठी थीं कि कोने में शांत रखा फोन घनघनाने लगा। हान ने कॉल रिसीव की, जो नोबल...