युद्ध और बच्चे : उषा दशोरा कविता काव्य संग्रह – ‘भाषा के सरनेम नहीं होते’। संप्रति अध्यापन। 1. जब युद्ध की घोषणा हुईतब हँसते हुए बच्चेफूल वाले पौधों को पानी दे रहे थे उनकी हँसी के भार से डरी कई बंदूकेंपौधों के पीठ के पीछे जा छुपींउनमें फूल के बीज होने की जिद होने लगीजिद थी कि...
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