वरिष्ठ कथाकार।पांच कहानी संग्रह और दो उपन्यास अब तक प्रकाशित। ऐसा नहीं है कि इससे पहले मैंने रेलगाड़ी के इस कूपे में यात्रा नहीं की।पहली बार फर्स्ट क्लास में यात्रा करना अजीब-सा लगा था।बंद-बंद सा।न खिड़की से बाहर झांक सको, न चाय वालों का हो हल्ला, न खुली हवा।बस बंद कमरे...
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