विजय विशाल

विजय विशाल

    वरिष्ठ लेखक। जन-विज्ञान आंदोलन में वर्षों तक सक्रिय भूमिका। ‘चींटियाँ शोर नहीं करतीं’ कविता संग्रह सहित आलोचना की दो पुस्तकें।   संवाद नन्हे पौधे नेविशालकाय दरख्त से पूछा-‘कैसे बच गएवनकाटुओं से?’ दरख्त ने हँस कर कहा -‘टेढ़ा था सो बच गयासीधा होता...
वे हार नहीं मानतीं : विजय विशाल

वे हार नहीं मानतीं : विजय विशाल

    जन-विज्ञान आंदोलन में वर्षों तक सक्रिय भूमिका। ‘सांप्रदायिक सद्भाव और हिंदी उपन्यास’ तथा ‘सत्ता, साहित्य और समाज’ शीर्षक से आलोचनात्क पुस्तकें और ‘चींटियाँ शोर नहीं करतीं’ कविता संग्रह प्रकाशित। मधुमक्खियों को मालूम हैहर बार की तरहशीघ्र ही ढहा दिया...