विनोद पदरज

विनोद पदरज

    वरिष्ठ कवि।कई कविता संग्रह प्रकाशित। आज मैंने कुछ नहीं किया आज मैंने कुछ नहीं कियाअखबार तक नहीं पढ़ाकिसी से बात नहीं कीफोन पर भी नहीं आज मैंने दिन भरडाली पर खिले फूलों को देखाएक नई चिड़िया देखीगौरैयों बुलबुलों मैनाओं से अलगउसकी आवाज सुनीजैसे कंठ में घुंघरू...