तुम मेरे कौन हो कनुमैं तो आज तक नहीं जान पाई बार-बार मुझ से मेरे मन नेआग्रह से, विस्मय से, तन्मयता से पूछा है-‘यह कनु तेरा है कौन? बूझ तो !’ बार-बार मुझ से मेरी सखियों नेव्यंग्य से, कटाक्ष से, कुटिल संकेत से पूछा है-‘कनु तेरा कौन है री, बोलती क्यों नहीं?’ बार-बार मुझ...
कवि : दुष्यंत कुमार कविता पाठ :विवेक सिंह (सहायक प्राध्यापक हिंदी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय)ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु (लेखक, अनुवादक, स्वतंत्र पत्रकार)दृश्य संयोजन : उपमा ऋचा (मल्टीमीडिया एडीटर वागर्थ) प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता अनुपमा ऋतु,...
कविता : अभी न होगा मेरा अंतकवि : सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ (२१ फरवरी, १८९९ – १५ अक्टूबर, १९६१) कविता पाठ :विवेक सिंह (सहायक प्राध्यापक हिंदी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय)ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु (लेखक, अनुवादक, स्वतंत्र पत्रकार)दृश्य संयोजन :...
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